टेस्ला के भारत में विस्तार की योजनाएं: सरकारी नीतियों के कारण भारत में विस्तार योजनाओं में मिल रही चुनौतियाँ

लेखक: गौतम कुमार | 24 जुलाई 2023 (20:39 IST)
Tesla के भारत में विस्तार की योजनाएं: सरकारी नीतियों के कारण भारत में विस्तार योजनाओं में मिल रही चुनौतियाँ

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को हाल ही में अपनी कंपनी की भारत विस्तार योजना में एक बड़ी बाधा का सामना करना पड़ रहा है, जिसका कारण भारत सरकार है। मस्क ने एक महीने पहले अमेरिका दौरे पर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. मुलाकात इतनी गर्मजोशी से हुई कि ऐसा लगा कि मस्क को भारत में कोई दिक्कत नहीं होगी।

अमेरिकी ईवी कंपनी टेस्ला ने भारत में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी के मैन्युफैक्चरिंग के निर्माण के लिए भारत सरकार से विशेष सुविधा की मांग की थी। यहां तक कि, इसका मतलब नीतियों और नियमों में परिवर्तन करने की आवश्यकता थी। हालांकि, सरकार ने साफ कहा है कि टेस्ला को भारत में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी बनाने के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी।

दरअसल, भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से नीति लागू करने की उसकी कोई योजना नहीं है। सरकार ने कहा है कि टेस्ला वाहनों या एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी के निर्माण के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सहायता के लिए फिर से आवेदन कर सकती है।

भारत सरकार ने पहले ही एसीसी बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई योजना शुरू की थी, जिसमें ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन उद्योग के लिए 18,100 करोड़ रुपये और 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई निर्धारित की गई है। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि टेस्ला को इन शर्तों के साथ आना होगा।

इसके बाद सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि यदि कोई राज्य अतिरिक्त सुविधाएं देना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है। लेकिन, भारत सरकार अपने नियमों में कोई ढील नहीं देगी।

2021 में टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की मांग की। वास्तव में, भारत में पूरी तरह से निर्मित इकाइयों के रूप में आयात की जाने वाली कारों पर 60% से 100% तक सीमा शुल्क लगता है। टेस्ला चाहती है कि इसे कम कर दिया जाए या पूरी तरह से हटा दिया जाए।

वहीं, भारत सरकार ने दृढ़ता कहा है कि सरकार इस ड्यूटी को बिल्कुल भी नहीं हटाएगी। ये नियम भारत में अपना सामान बेचने वाली सभी कंपनियों पर लागू होते हैं। सरकार का कहना है कि अगर टेस्ला को भारत में काम करना है तो उसे यहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाना चाहिए और सप्लाई चेन बनाना चाहिए।

इस विकास के बाद भारत में टेस्ला का आना अनिश्चित बना हुआ है। ये स्थिति कब तक ऐसी ही रहेगी ये तो वक्त ही बताएगा। तब तक के लिए आप हमारे साथ बने रहिये।

इस पेज को शेयर करें!

यह भी पढ़ें...